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- Written by S.K. Azad , Edited by Bharat Bhushan
- Category: RSS Media Cell , Jharkhand Wing
गंगा मात्र एक नदी नहीं यह हमारी माता है : मिथिलेश नारायण
रांची, 30 दिसंबर : आज गंगा समग्र झारखंड द्वारा राज्य में गंगा नदी के किनारे बसे हुए एकमात्र जिला साहेबगंज नगर स्थित टाउन हॉल में प्रबुद्ध जन गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी का विषय था मां गंगा के संरक्षण व संवर्धन में समाज की भूमिका। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उत्तर पूर्व क्षेत्र के वरिष्ठ प्रचारक एवं गंगा समग्र के केंद्रीय संगठन सचिव मिथिलेश नारायण जी मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने बताया कि गंगा मात्र एक नदी नहीं यह हमारी माता है। भारत भूमि का कोई भी क्षेत्र चाहे वह दक्षिण भारत हो सुदूर उत्तर पूर्व हो अथवा पश्चिम का क्षेत्र हो गंगा समस्त राष्ट्र एवं समाज जीवन को प्रभावित करती है। गंगा के प्रति लोग श्रद्धा भाव रखते हैं। वह इन्हे मातृवत मानते हैं। परंतु सदाचरण व आस्था में आई विकृति के कारण लोग अज्ञानता वश गंगा को दूषित कर देते हैं। गंगा के संरक्षण व संवर्धन में गंगा के निकटवर्ती समाज की सबसे बड़ी भूमिका है । गंगा के किनारे रहने वाले व गंगा नदी पर आधारित रोजगार से जुड़े लोगों को उन्होंने गंगा को स्वच्छ रखने का आह्वान किया। गंगा के महत्व को दर्शाते हुए उन्होंने पंडित मदन मोहन मालवीय का उदाहरण दिया। उन्होंने बताया कि पहले जब अंग्रेजी शासन था उस समय अंग्रेज विद्वान ,वैज्ञानिक और स्वयं को पश्चिमी संस्कृति से जोड़ने वाले लोग भारतीय संस्कृति व आस्था का उपहास करते थे। जब पंडित मदन मोहन मालवीय गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने के लिए ब्रिटेन गए तो अपने साथ उन्होंने एक 200 लीटर के कलश में गंगा जल भर कर ले गए थे। अपने सभी दैनिक उपयोग के पश्चात बचे हुए गंगाजल को वहां रहने वाले निवासियों की इच्छा अनुसार कलश सहित छोड़ आए। परंतु वह बचा हुआ जल कभी भी दूषित नहीं हुआ। यह आधुनिक बुद्धिजीवियों के समक्ष आज भी एक पहेली बना हुआ है। उन्होंने गंगा के कटाव क्षेत्र में बरगद पीपल, पागल, गूलर, नीम जैसे पांच प्रकार के वृक्षों के रोपण का सुझाव दिया जो कि गंगा के कटाव को रोकते हैं। गंगा क्षेत्र के निवासियों से भी उन्होंने सभी प्रकार के वृक्ष, फलदार वृक्ष इत्यादि लगाने का आह्वान किया। गंगा एवं इसके जल का उपयोग करने वाले श्रद्धालुओं से उन्होंने उपयोग से पहले गंगा घाटों की सफाई करने का आह्वान किया। गंगा नदी के आसपास लगभग 5 किलोमीटर की दूरी तक फैले हुए सभी तालाबों को उन्होंने गंगा सरोवर कहा। तथा इसके संरक्षण पर जोर दिया किसानों से उन्होंने जैविक कृषि करने का आह्वान किया। जिससे कि रासायनिक उर्वरक गंगा में बह कर ना पहुंचे, लोगों से उन्होंने गंगा में साबुन इत्यादि का प्रयोग ना करने का आह्वान किया। सभी प्रकार के कार्यक्रमों में प्लास्टिक अथवा थर्माकोल के प्रयोग को रोकने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि हम आग्रह पूर्वक जन जागरण करके ही हम गंगा को संरक्षित एवं संवर्धित कर सकते हैं। इस अवसर पर गंगा समग्र के उत्तर पूर्व क्षेत्र के संयोजक रामाशंकर जी ने वृक्षारोपण व जैविक खेती पर बल दिया। विषय प्रवेश गंगा समग्र के प्रांत संयोजक डॉ देवव्रत ने किया मंच का संचालन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला प्रचार प्रमुख अंकित सर्राफ ने किया। गीत एवं संगीत कृष्ण बल्लभ कुमार सिंह एवं मुकेश मिश्रा ने प्रस्तुत किया। इस अवसर पर मंच पर नगर परिषद अध्यक्ष श्रीनिवास यादव उपाध्यक्ष रामानंद साह अंतरराष्ट्रीय एथलीट नमिता बहन उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में सह प्रांत संयोजक एवं भूदेव मंडल के द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया। इस अवसर पर नगर के कई गणमान्य एवं बुद्धिजीवी उपस्थित थे।