पत्रकार वार्ता : अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख श्री सुनील आम्बेकर जी
रांची, 10 जूलाई : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वारा अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक 12 जुलाई से 14 जुलाई तक रांची के सरला बिरला विश्वविद्यालय में आयोजित की गई है। बुधवार 10 जुलाई को सरला बिरला विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित प्रेस ब्रिफिंग में अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख श्री सुनील आंबेकर ने बताया कि अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक में पूरे देश भर से संघ की दृष्टि से 46 प्रांतों के प्रांत प्रचारक, सह प्रांत प्रचारक, क्षेत्र प्रचारक और अखिल भारतीय कार्यकारिणी के कार्यकर्ता उपस्थित रहेंगे। प्रेस ब्रिफिंग में अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर के साथ उत्तर पूर्व क्षेत्र संघचालक श्री देवव्रत पाहन जी, अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख श्री नरेंद्र कुमार और श्री प्रदीप जोशी भी मौजूद रहे।
सुनील आंबेकर ने बताया कि इस बैठक में संघ के विभिन्न कार्य योजनाओं पर चर्चा और समीक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि संघ की प्रतिवर्ष तीन महत्वपूर्ण बैठकें होती हैं। इस बैठक में हाल ही में सम्पन्न हुए प्रशिक्षण वर्ग एवं विभिन्न विषयों और उनके क्रियान्वयन सहित संघ के सभी कार्य विभाग के कार्यों पर चर्चा होगी। इसके साथ ही सरसंघचालक माननीय मोहन भागवत जी के देश भर में प्रवास के विषय पर भी चर्चा होगी।
श्री आंबेकर ने बताया कि वर्तमान में देशभर में 73000 शाखाएं संचालित की जा रही है। आगामी शताब्दी वर्ष में देशभर के अंदर सभी मंडल स्तर तक कम से कम एक शाखा हो, इसकी योजना पर कार्य हो रहा है। इसके साथ ही नगरों में बस्ती तक संघ के सेवा कार्य, विभिन्न धार्मिक एवं सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर पहुंचने की कोशिश की जाए, इसकी भी योजना बनाई जाएगी । उन्होंने बताया कि शारीरिक विभाग द्वारा इस वर्ष कई नए खेलों का निर्माण किया गया है जिन्हें शाखा स्तर तक पहुंचाया जाएगा।
श्री सुनील आंबेकर जी ने बताया कि 2025-26 शताब्दी वर्ष है और इन वर्षों में सामाजिक परिवर्तन के पंच उपक्रम को शाखा स्तर और समाज तक पहुंचाने की योजना बनाई जाएगी। शताब्दी वर्ष के कार्य विस्तार की योजना को पूर्ण करने के लिए देश भर में 3000 कार्यकर्ता दो वर्ष का समय शताब्दी विस्तारक के रूप में दे रहे हैं। तीन दिवस की बैठक में समाज की सज्जन शक्ति को अपने साथ जोड़कर समाज परिवर्तन के लिए कैसे मिलकर काम इसका भी विचार करेंगे। इसके साथ ही सामाजिक जीवन के कई और विषयों पर भी चर्चा होगी।