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- Written by S.K. Azad , Edited by Bharat Bhushan
- Category: Jharkhand News
हम समाज को देनेवाले बने : क्षेत्र संघचालक
रांची , 29 फरवरी : यह वर्ग व्यवसायी श्रेणी का है, व्यवसायी यानी हमसब कर्मशील हैं । हम अपने कर्म से समाज को नई दिशा देते हैं इस निमित्त से हमसब संघ की शाखा से जुड़े ही होंगे । अपना व्यवसाय कृषक,श्रमिक या सरकारी या गैर सरकारी क्षेत्रों से जुड़े होंगे। भारत कृषि प्रधान देश है। जब पूछते हैं खेती कैसी चल रही तो कहा जाता है , जन यानी लोग नहीं मिलते। आज यह वर्ग पलायन करते जा रहे हैं । यह पलायन उनमे सिर्फ कमाओ का भाव निर्मित करता है, जन आज प्रलोभन के कारण जन बनकर प्रबुद्ध जनो के ये जन अनुचर रह जाते है।
अपने स्वयंसेवक उस भाव से मुक्त हो । उस भाव को प्रबुद्ध बनाने हेतु समय समय पर प्रशिक्षण वर्ग संघ का चलता है । यह वर्ग संघ शाखा चलाने और स्वयंसेवक बनाने का काम करता । उपरोक्त बाते राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ झारखंड प्रान्त द्वारा आयोजित व्यवसायी श्रेणी के प्राथमिक प्रशिक्षण वर्ग में क्षेत्र संघचालक माo सिद्धिनाथ सिंह बोल रहे थे। उन्होंने वर्ग में भाग ले रहे प्रशिक्षण लेने आये विद्यार्थियों को कहा कि शिक्षित होने के बाद भी नौकरी खोजना पड़े यह कैसी शिक्षा प्रणाली? अपना स्वयंसेवक दैनिक शाखा में व्यवहारिक पक्ष और वर्ग में अपना संकल्पित अनुशासन का सामूहिक पालन कर सामूहिकता को सिखते हैं।
इस वर्ग में एक-एक क्षण कीमती है । संघ स्थान पर साधना, चिंतन ,अभ्यास से अपना विकास होता है। वर्ग का यह एक सप्ताह आत्मावलोकन का समय हमे मिला है। संघ की शाखा में एकबार आये तो आजीवन अपना संकल्प दृढ़ रहे। यह भाव हमे यहां सीखना है। हम सब यहां एकत्रित हुए ,सत्संग हेतु, इस वर्ग में हम एक दूसरे में अच्छाई का ही आकलन ग्रहण करना चाहिए। यह वर्ग मानसिक,शारिरिक, बौद्धिक और आध्यात्मिक चिंतन को मजबूत करने में सहायक होगा। हम बोन्साई पौधे नही बने । उन्होंने शिक्षार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत की मिट्टी पवित्र है। यहां देवता भी जन्म लेने को लालायित रहते हैं । हम सब इस वर्ग से देवत्व का भाव ले यानी देनेवाले बने, लेनेवाले नही। यही भाव हम सबों में सुदृढ़ हो । सप्ताह भर चलने वाले इस वर्ग में कुल 83 शिक्षार्थी सम्मिलित हुए हैं । ये वैज्ञानिक, चिकित्सा, अभियंता, शिक्षक, कृषक एवं विभिन्न व्यवसाय से जुड़े हैं । इस वर्ग के, वर्ग कार्यवाह श्री सकलदेव चौरसिया, मुख्य शिक्षक श्री मोहन कच्छप, सह मुख्य शिक्षक श्री सुशील जी सहित प्रान्त कार्यवाह श्री संजय कुमार, प्रान्त प्रचारक श्री रविशंकर जी,श्री गोपाल जी,श्री महेंद्र जी,श्री राजीव जी आदि उपस्थित थे।