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भारत में 250 वर्षों से अवैध मतांतरण करा रहे हैं हजारों संगठन

इन संगठनों को स्वतंत्रता बाद भी सरकारों का मिलता रहा समर्थन

पुनीता कुमारी, रांची

रांची, 20 नवंबर  : विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे जी पिछले दिनों हितचिंतक अभियान को लेकर दो दिनों के प्रवास पर रांची आए थे। रांची में कई कार्यक्रमों में शामिल हुए। झारखंड से जाने से पहले बातचीत का मौका मिला। उन्होंने देश में चल रहे अवैध मतांतरण, मतांतरित अनुसूचित जाति और जनजाति को मिलने वाले आरक्षण, जनसंख्या नियंत्रण कानून सहित कई विषयों पर अपनी बात कही। उन्होंने कहा कि देश में अभी ईसाई और मुसलमानों के हजारों संगठन अवैध मतांतरण में लगे हैं। 12000 संगठनों के एफसीआरए पर तो भारत सरकार ने प्रतिबंध लगा दिए हैं। 250 वर्षों से यह काम कर रहे हैं। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भी 70 वर्षों तक केंद्र व राज्य सरकारों से सतत प्रश्रय मिलता रहा। आर्थिक सहयोग के रूप में हजारों करोड़ डालर इन्हें विदेशों से प्रति वर्ष मिलता है। उसके बाद भी मतांतरण कम हो रहा है। यह हिंदू समाज के जागरूक होने के कारण ही संभव हो रहा है। विहिप जैसे कुछ संगठन तो पिछले 60-70 वर्षों से ही समाज जागरण और सेवा के माध्यम से घरवापसी के अभियान में लगे हैं और आज प्रति वर्ष लाखों ईसाई और मुसलमान घर वापसी कर रहे हैं, जो पहले नहीं होता था।

परांडे जी ने कहा कि अवैध मतांतरण में लगे संगठन हिंदू समाज की एकता को कमजोर करने का षड्यंत्र करते रहे हैं। वैचारिक विमर्श में भी कम्युनिस्टों का प्रभाव रहा। सत्ता से हमेशा प्रश्रय मिलते रहा। इन सारे विषयों के बाद भी अब अनुकूलता आई है। समाज में भी परिवर्तन आया है। घरवापसी करने वाले लोगों को स्वीकारने लगे हैं। केंद्र में अनुकूल सरकार होने के बाद अवैध मतांतरण के काम में लगे 12000 से अधिक संगठनों के एफसीआरए रद होने से इनके कामों में रुकावट दिख रही है।

विदेश में भी अब मुसलमान और ईसाई हिंदू बन रहे हैं

परांडे जी ने कहा कि विहिप के कामों का प्रभाव यह है कि अमेरिका, रूस, इटली, दक्षिण अफ्रीका सहित कई देशों में मुस्लिम और ईसाई हिंदू बन रहे हैं। हिंदू धर्म आंतरिक शक्ति के आधार पर फैला है, तलवार के बल पर नहीं। जो व्यवस्था विरोधियों ने निर्माण किया है, उसे ध्वस्त करना है। हमलोग अवैध मतांतरण रोकने के लिए सेवा, हिंदू संस्कारों का दृढ़ीकरण, सघन संपर्क, योग्य कानून और वह लागू कैसे हो इस पर ध्यान दें रहे हैं। विहिप का काम विदेश में भी फैला है।

मतांतरित एससी और एसटी को आरक्षण नहीं मिलना चाहिए

मतांतरित अनुसूचित जाति और जनजाति को आरक्षण के सवाल पर कहा कि संविधान सभा, संसद, सुप्रीम कोर्ट, महात्मा गांधी व बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर और तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू मतांतरित एससी को आरक्षण का लाभ मिले, नकार चुके हैं। जब 1932 में पुणे पैक्ट के तहत गांधी और आंबेडकर में सहमति बनी थी कि हिंदू एससी को ही आरक्षण का लाभ मिलेगा, उसके बाद 1935 से ही ईसाई मिशनरियां मतांतरित एससी को आरक्षण का लाभ देने की मांग कर रही है। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर वर्तमान केंद्र सरकार ने कोई नया निर्णय नहीं लिया है। जहां तक अनुसूचित जनजाति के आरक्षण का सवाल है तो संविधान में अनुसूचित जाति को हिंदू समाज में व्याप्त भेदभाव को दूर करने के लिए और अनुसूचित जनजाति को अपनी परंपरा और संस्कृति की रक्षा के लिए आरक्षण दिया गया। जब जनजाति समाज के लोग मतांतरित होते हैं तब वे पूजा नहीं करते, प्रसाद नहीं खाते हैं। उनका मूल्य और परंपरा बदल जाता है। इसलिए उन्हें आरक्षण नहीं मिलना चाहिए। अभी 18 प्रतिशत मतांतरित लोग 80 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति के आरक्षण का लाभ उठा रहे हैं। कहा, धर्म के आधार पर भी आरक्षण नहीं मिलना चाहिए।

डेढ़ लाख गांवों में पहुंचने का प्रयास

मिलिंद जी ने कहा कि देश के 6.30 लाख गांवों में से 66 हजार गांवों में अभी विहिप का काम है। इस बार हितचिंतक अभियान के माध्यम से डेढ़ लाख गांवों तक पहुंचने के लिए प्रयास कर रहे हैं। 5703 प्रकल्प सेवा के चल रहे हैं। इसे ज्यादा स्थानों पर शुरू करने की तैयारी है। इससे मतांतरण रोकने में मदद मिलेगा। झारखंड में पांच लाख लोगों को हितचिंतक बनाना है।

जनसंख्या नियोजन कानून बने, पर उसका पालन सभी लोग करें

जनसंख्या असंतुलन से संबंधित सवाल पर कहा, बांग्लादेशी घुसपैठ, लव जिहाद, अवैध मतांतरण के कारण देश के कई भागों में जनसंख्या असंतुलन उत्पन्न होता जा रहा है। इसके साथ ही मुस्लिम महिलाओं में प्रजनन दर 2.3 है जबकि हिंदुओं में 1.9 है। परिवार नियोजन पर भी हिंदू जोर दे रहा है। इससे आने वाले समय में स्थिति खराब होगी। इसलिए जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाते समय भी सभी बातों का ध्यान रखना चाहिए और हर हिंदू को दो बच्चा पैदा करना ही चाहिए। कानून का भी सभी पालन करें, यह ध्यान रखना होगा।

जनवरी 2024 तक गर्भगृह में रामलला विराजमान हो जाएंगे

उन्होंने कहा कि हिंदू समाज ने तीनों स्थानों के बारे में जो संकल्प लिया है, वह पूर्णता की ओर है। सबसे पहले अयोध्या का संकल्प पूरा करेंगे। अयोध्या के लिए मंदिर वहीं बनाएंगे का संकल्प तो पूरा हो गया, मंदिर भव्य बनाएं का संकल्प पूरा करने की ओर बढ़ रहे हैं। दिसंबर 2023 तक राम मंदिर के नीचे के सतह का काम पूर्ण हो जाएगा और जनवरी 2024 में रामलाल गर्भगृह में विराजमान हो जाएंगे। ऐसा विश्वास है कि शेष दोनों स्थानों का संकल्प भी पूर्ण करेंगे।


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