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- Written by S.K. Azad , Edited by Bharat Bhushan
- Category: RSS Media Cell , Jharkhand Wing
शिक्षा को प्रदर्शन से दर्शन की ओर ले जाना है : यतीन्द्र
रांची, 01 जून 2019 : गोरखपुर, विद्या भारती के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री यतीन्द्र जी ने कहा कि शिक्षा आज प्रदर्शन का विषय हो गई है, इसे दर्शन की ओर ले जाना है। शिक्षा व्यवसाय हो गई है, उसे ज्ञान की तरफ ले जाना है । यतीन्द्र जी विद्या भारती (पूर्वी उत्तर प्रदेश) द्वारा आयोजित दस दिवसीय क्षेत्रीय शिशु वाटिका प्रशिक्षण शिविर के समापन समारोह में संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि शिक्षा आज सरकारों की दासी बनकर रह गई है ।यह बहुत भयावह स्थिति है ।इससे उबरना होगा भारत को जाति-धर्म में खंडित करने का षडयंत्र हो रहा है। अंग्रेजों की बनाई शिक्षा व्यवस्था से विद्यार्थियों में व्यसन पैदा हो रहे हैं, विद्यार्थी ड्रग्स के शिकार हो रहे हैं। भारतीय शिक्षा व्यवस्था द्वारा हमें जीवन मूल्यों का निर्माण करना है। उन्होंने कहा कि शिक्षा अगर धर्म से कटेगी तो अधार्मिक व्यक्ति पैदा करेगी, हमें धर्म आधारित शिक्षा व्यवस्था स्थापित करनी है। भारत की शिक्षा की दिशा तय करना ही विद्या भारती का लक्ष्य है। भारत की शिक्षा को मार्क्स, मैकाले व मदरसा के प्रभाव से मुक्त करना हमारा ध्येय है।
यतीन्द्र जी ने कहा कि हमें भारतीय शिक्षा को प्रदर्शन से दर्शन की ओर ले जाना है। इसके लिए हमें लाखों समर्पित व कुशल कार्यकर्ताओं की आवश्यकता पड़ेगी। आचार्य व आचार्या शैक्षिक, सामाजिक परिवर्तन व शिक्षण कुशलताओं से अवगत हों, इसलिए समय समय पर प्रशिक्षण वर्गों का आयोजन किया जाता है।
कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों ने माँ सरस्वती एवं भारत माता के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया। तत्पश्चात शिशु वटिका वर्ग में प्रशिक्षार्थियों ने शिशुओं के शिक्षण की विभिन्न विधियों को विविध कार्यक्रमों के माध्यम से प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम की रूपरेखा क्षेत्रीय शिशु वटिका प्रमुख विजय उपाध्याय जी ने रखी। अध्यक्षता प्रो. सुषमा पाण्डेय (आचार्या, बीएड विभाग गोरखपुर विवि) ने की, विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रो. धनंजय कुमार (आचार्य मनोविज्ञान, गोरखपुर विवि) उपस्थित रहे।