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संघ की दृष्टि में ऐसे हैं महात्मा गांधी
―डॉ.मनमोहन वैद्य

रांची, 02 अक्टूबर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, केन्द्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 'महिला आरक्षण बिल' को मंजूरी देने के कदम को देश में महिला नेतृत्व को उचित स्थान देने की दिशा में अति महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखती है। समाज जीवन के विविध क्षेत्रों में महिलाओं का कुशल नेतृत्व सकारात्मक परिवर्तन ला रहा है, ऐसे में लोकसभा व राज्यसभा सहित राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को उचित प्रतिनिधित्व दूरगामी परिणाम देने वाला होगा।

 समाज के विविध क्षेत्रों में महिलाओं को उचित स्थान मिले,इस निमित्त विभिन्न प्रयास होने चाहिए। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद युवाओं के वृहद राष्ट्रव्यापी संगठन के रूप में ऐसे अनेक प्रयास कर रहा है जिसके द्वारा महिलाओं को देश में समानत अवसर प्राप्त हो सकें। इससे महिलाओं की सामाजिक एवं राजनैतिक स्थिति में सकारात्मक परिवर्तन आएगा और वे सशक्त राष्ट्र निर्माण में अपनी महती भूमिका निभाने में सक्षम हो सकेंगी।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि," गणेश चतुर्थी के पावन अवसर पर आज दशकों से लंबित पड़े महिला आरक्षण विधेयक को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत करने का कदम सराहनीय है। अभाविप ने निरंतर महिला नेतृत्व को उचित स्थान दिलाने हेतु मांग उठाई है तथा सन् 2018 में अभाविप की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद बैठक में संसद, विधानसभा और विधान परिषद में महिलाओं को 33% आरक्षण देने हेतु प्रस्ताव पारित किया था। महिलाओं को उचित प्रतिनिधित्व देने की दिशा में सरकार ने कदम बढ़ाए हैं, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इस कदम से अत्यंत आशान्वित है।"

अभाविप की राष्ट्रीय मंत्री अंकिता पंवार ने कहा कि, " महिला आरक्षण विधेयक, देश के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रही महिलाओं को प्रोत्साहन प्रदान करेगा, महिला आरक्षण विधेयक से हम महिलाओं के लिए नई राहें प्रशस्त होंगी। भारत की महिलाएं हर क्षेत्र में बेहतर परिणाम ला रही हैं, बेटियां जीवन के हर क्षेत्र में तरक्की कर खुशहाली ला रही हैं। महिला आरक्षण विधेयक नए भारत में महिला नेतृत्व को सकारात्मक दिशा देने वाला सिद्ध होगा।"


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