नई दिल्ली , 9 अक्टूबर : मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने नई दिल्ली में होटल इम्पीरियल सभागार में अम्बेसडर्स मीट मे 29-30 नवम्बर 2018 को रांची में होनेवाले ग्लोबल एग्रीकल्चर एंड फ़ूड समिट के लिए 22 देशों के भारत स्थित दूतावास के राजदूत अथवा काउंसिलर तथा कमर्शियल हेड को तथा उनके देश के कृषि तथा फूड प्रोसेसिंग से संबंधित कंपनियों को झारखंड आने के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि झारखण्ड में फ़ूड प्रोसेसिंग उद्योग, बागवानी, फ्लोरीकल्चर, डेयरी, मत्स्य आदि के क्षेत्र में निवेश के लिए अनुकूल अवसर है।मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड न केवल खनिज संपदा की दृष्टि से बल्कि स्किल्ड मानव संसाधन की दृष्टि से भी देश का महत्वपूर्ण राज्य है। उन्होंने कहा कि झारखंड में आजादी से पहले ही टाटा ने टाटा स्टील और टाटा मोटर्स की कंपनियां लगायी और आज भी बिना किसी बाधा के वे कंपनियां प्रगति कर रहे हैं। झारखंड में आज निवेश के लिए बेहतर माहौल है। हमने उद्योग और व्यापार को सहूलियत देने के लिए नीतियां बनाई, त्वरित निर्णय लिया और पारदर्शी व्यवस्था तैयार की है। 2017 में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट किया फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में जितने एमओयू किए गए थे उनमें 89 धरातल पर उतर गए हैं। अभी झारखंड में 212 फूड प्रोसेसिंग यूनिट कार्यरत हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व स्तर पर कृषि के क्षेत्र में जैविक कृषि को बढ़ावा दिया जा रहा है। झारखंड में भी जैविक कृषि को हर सम्भव बढ़ावा दिया जा रहा है। झारखंड के किसान संगठित होकर कोऑपरेटिव फार्मिंग करें तथा उनके उत्पादों को सही बाजार मिले और उनकी आर्थिक आय बढ़े इसके लिए राज्य सरकार समेकित प्रयास कर रही है।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी सन 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के लिए कृत संकल्पित है तथा इसके लिए प्रतिबद्ध प्रयास किए जा रहे हैं। झारखंड में कृषकों की आय को दोगुना करना हमारा भी ध्येय है। किसानों के जीवन में बदलाव लाने के लिए ग्रामीण विकास और गांव की समृद्धि लाने के ध्येय से कृषि पर ग्लोबल समिट आयोजित करने जा रहे हैं। बैठक में भारत के विदेश राज्य मंत्री जनरल वी के सिंह ने कहा कि झारखंड एक खूबसूरत राज्य है जो प्राकृतिक संसाधनों से तो भरपूर है। साथ ही, जैविक कृषि की संभावना भी अत्यंत प्रबल है। केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री ने विभिन्न देशों के दूतावासों से यह अपील की कि वे स्वयं झारखंड जाए तभी वे राज्य को बेहतर ढंग से समझ पाएंगे। विभिन्न देश के उद्योग यदि झारखंड में लगते हैं तो उस देश को भी इससे फायदा होगा। झारखंड में कोऑपरेटिव फार्मिंग की भी संभावना है। केंद्र सरकार का ध्यान भी कृषि और फूड प्रोसेसिंग उद्योगों पर अधिक है।बैठक में मुख्य सचिव ने विभिन्न देशों के राजदूतों का स्वागत करते हुए कहा कि कि वे स्वयं पहल कर अपने देश के कृषि से जुड़े हुए कंपनियों और उद्योगपतियों को झारखंड आने के लिए प्रेरित करें और वह स्वयं भी झारखंड आए। झारखंड की न केवल नीतियां अनुकूल हैं बल्कि सिंगल विंडो सिस्टम के द्वारा प्रत्येक कार्य को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जा रहा है। झारखंड सरकार की कृषि सचिव श्रीमती पूजा सिंघल ने ग्लोबल एग्रीकल्चर एवं फूड समिट के बारे में जानकारी दी तथा राज्य सरकार की नीतियों के संबंध में उद्योग सचिव श्री विनय चौबे ने विस्तार से बताया। बैठक में 22 देशों चीन, रूस, ट्यूनीशिया, फिलिपींस,ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, नाइजीरिया, इरान, नेपाल, मंगोलिया, स्पेन, बांग्लादेश, जर्मनी, इजरायल, जापान, ग्रीस,चेक रिपब्लिक, इथोपिया, जांबिया, जिंबाब्वे और म्यंमार के भारत स्थित दूतावास के राजदूत अथवा काउंसिलर तथा कमर्शियल हेड के साथ साथ मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास, केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री जनरल वी के सिंह, कृषि मंत्री श्री रणधीर कुमार सिंह, मुख्य सचिव श्री सुधीर त्रिपाठी, विकास आयुक्त श्री डीके तिवारी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री सुनील कुमार वर्णवाल, स्थानिक आयुक्त श्री एम आर मीणा, विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री विनोद के जेकब, उद्योग सचिव श्री विनय कुमार चौबे, कृषि सचिव श्रीमती पूजा सिंघल, कृषि निदेशक श्री रमेश घोलप, कृषि विभाग के अन्य अधिकारी, ई एंड वाई तथा FICCI के प्रतिनिधि उपस्थित थे।