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- Written by S.K. Azad , Edited by Bharat Bhushan
- Category: RSS Media Cell , Jharkhand Wing
कोरोना वारियर्स को संघ के स्वयंसेवकों ने फूल एवं आरती से किया सम्मान
रांची , 15 मई : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से शुक्रवार को रिम्स में सभी कोरोना वारियर्स के ऊपर पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया। संघ परिवार से जुड़ी महिलाओं ने डाक्टर, नर्सेज, सफाई कर्मी व सुरक्षा में तैनात जवानों की आरती उतारी। उस समय का माहौल ऐसा बन गया था जैसे लग रहा हो कि कोई अंतिम युद्ध की तैयारी चल रही है और लोग विजय कामना के लिए अपने योद्धाओं को तैयार कर रहे हैं। कोरोना वारियर्स के चेहरों पर ऐसी चमक छा गई थी कि मानो कह रहे हों कि अब परिस्थितियां कैसी भी हो जब तक हम कोरोना वायरस पर विजय पतखा ना फहरालें तब तक चैन से ना बैठेंगे। ऐसा साहस भरने का कार्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों के द्वारा किया गया।
इस सम्मान को पाकर डॉक्टर व नर्सेज इतने अभिभूत हुए की सभी भावुक हो गई । बातचीत करते हुए रिम्स निदेशक डाक्टर डीके सिंह ने कहा कि आरएसएस ने जो सम्मान दिया है उसका बखान शब्दों में नहीं किया जा सकता है। बहुत ही सुखद अनुभूति हो रही है।
डॉ प्रशांत ने कहा कि यह सम्मान पाकर के हम इतने अभिभूत हैं कि इसका बखान नहीं कर सकते हैं । कोरोना वारियर्स जो इस जंग में लड़ रहे हैं उसका सम्मान करके स्वयंसवकों ने अनुकरणीय काम किया है। हमलोग काम को पहले देखते हैं। वहीं डॉ आशुतोष ने कहा कि यह सम्मान समर्पण का है। जिस तरह से डॉक्टर नर्सेस एवं अन्य कर्मी पूरी तन्मयता के साथ को कोरोना मरीजों की सेवा में लगे हैं उससे आरएसएस ने जो सम्मान दिया है वह बहुत ही सराहनीय है ।
डॉ अजीत ने कहा कि यह सम्मान प्राप्त करके बहुत ही सुखद अनुभूति हुई है। यह हम लोगों के लिए गर्व की बात है कि हम इस संकट के समय देश के काम आ रहे हैं । और जो करोना के कारण तबाही मची है उसमें हम चिकित्सक अपना अपना योगदान दे रहे हैं। वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के झारखंड एवं बिहार के क्षेत्र सेवा प्रमुख ने कहा कि आर एस एस ने देश की सेवा कर रहे लोगों का उत्साह बढ़ाने के लिए यह सम्मान किया है।
वे महान हैं जो कठिन परिस्थिति में सेवा के काम में लगे हैं। इनसे और उनका उत्साह बढेगा और दुगुने उत्साह से काम कर सकेंगे। जो चिकित्सक नर्स पुलिस सफाई कर्मी अपना घर द्वार छोड़ कर के रात दिन इन मरीजों की सेवा में लगे हैं यह काफी सराहनीय काम है। इस अवसर पर 100 से अधिक. स्वयंसेवक व कई परिवार की महिलाएं थी।
संकट की इस घड़ी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक हर जगह राहत कार्य में लगे हुए हैं। आज का दौर ऐसा है कि जिस स्वयंसेवक के पास खुद राशन नहीं है फिर भी वे दूसरों के घर में कैसे राशन हो और उनके घर में भोजन कैसे बने उसकी चिंता करते हैं। सभी स्वयंसेवक जान की परवाह किए बिना दिन रात लोगों की सेवा में लगे हुए हैं।