आईसीयू में भर्ती 90 वर्षीय श्रीराम भक्त भागवत प्रसाद जी ने किया निधि समर्पण
भारत के इतिहास में बहुत सारी ऐसी घटनाएं दर्ज है जो कि लगभग दूसरे देशों के लिए करना असंभव है। इस देश ने ऐसे-ऐसे कई उदाहरण प्रस्तुत किये हैं जो कि मानव जाति के लिए मार्गदर्शन का काम किया है ।
रांची, 27 फरवरी : भारत का इतिहास रहा है कि ना ही हम अन्याय करते हैं और ना ही हम अन्याय सहन करते हैं। न्याय के लिए हम सदा सतत प्रयास करते हैं और कई वर्षों तक संघर्ष करते हैं । न्याय और धर्म की स्थापना के लिए जरूरत पड़ने पर हम अपने प्राणों की आहुति देने में भी पीछे नहीं हटते हैं ताकि लोगों का सत्य पर विश्वास बना रहे इसका उदाहरण अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर, बनने जा रहा है।
भारत के लोगों का विचार विश्व के अन्य देशों से बिल्कुल भिन्न है क्योंकि यहां के लोगों की भावना लेने की नहीं बल्कि देने की है। इसके कई उदाहरण अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर के निर्माण के लिए देशभर में चल रहे निधि समर्पण के दौरान देखने को मिला। निधि समर्पण के दौरान ऐसी-ऐसी घटनाएं देखने को मिली जिसे देखकर किसी की भी आंखें नम और दिल भर जाए।
आज बिहार शरीफ नालंदा के 90 वर्षीय श्री भागवत प्रसाद जी, जो कि करीब एक वर्ष से आईसीयू में हैं। इन्होंने अपने जीवन में बहुत सारे काम समाज के लिए हैं । आज फिर एक ऐसा काम कर गए जो देश और समाज के लिए उदाहरण बन गया । हालत गंभीर होने के कारण उन्हें निधि समर्पण के बारे में किसी ने कुछ भी नहीं बताया था लेकिन आज दो कंपाउंडर आपस में बात कर रहे थे कि अयोध्या में श्री राम मंदिर निर्माण के लिए निधि समर्पण का अंतिम दिन है। जैसे ही यह बात उन्होंने सुना उनके आंखों से आंसू बहने लगे और इशारे से वे अपने पुत्र को बुलाने को कहा। पुत्र को बुलाकर उन्होंने निधि समर्पण करने की इच्छा जाहिर की। इनके पुत्र डॉ सुनील कुमार प्रारंभिक दौर से ही निधि समर्पण के कार्य में अपना योगदान दे रहे हैं। पिता की नाजुक स्थिति के कारण इन्होंने पिताजी को कुछ भी नहीं बताया था। भागवत जीराम मंदिर से जुड़ी कई घटनाओं के साक्षी रहे हैं और मंदिर निर्माण में पीछे कैसे रह जाते हैं। भागवत प्रसाद जी के इच्छा पर उनके पुत्र डॉ सुनील कुमार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों को निधि समर्पण के लिए अपने आवास पर बुलाया । एक वर्ष से आईसीयू में रह रहे भागवत प्रसाद जी ने ₹25,000 की सहयोग राशि राम भक्तों को अपने हाथों से समर्पित किया। पिता के समर्पण की भाव को देखते हुए परिवार के लोग पीछे कैसे रह जाते, डॉ सुनील कुमार ने ₹1,55,000 उनकी धर्मपत्नी श्रीमती संगीता देवी ने ₹ 25,000 एवं उनके पुत्र सनी कुमार ने ₹11,000 का समर्पण किया।
ऐसी कई घटनाएं निधि समर्पण के दौरान लोगों के सामने आई जोकि हम भुलाए भी नहीं भूल सकते हैं। भारत के विभिन्न क्षेत्रों से लोगों ने बढ़-चढ़कर समर्पण किया और राम भक्त अपने सारे कामकाज छोड़कर दिन रात प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण हेतु निधि समर्पण कार्य में लगे रहे।