प्राइवेट स्कूल से निकाल सरकारी में कराया दाखिला
रांची, 08 मई 2019 : ‘स्कूल सरकारी है’, लेकिन इस स्कूल ने इलाके के प्राइवेट स्कूलों को मात दे दी है ।बच्चे जमीन पर नहीं बैठते । फर्नीचर है। टाइल्स लगे हैं। दीवारों पर पेंटिंग है।दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष व्यवस्था है। समर कैंप होता है। यहां तक कि बच्चों के लिए लाइब्रेरी है। हेल्थ कैंप होता है। रोजगार परक ट्रेनिंग भी दी जाती है। ये प्रदेश का संभवतः पहला ऐसा स्कूल है, जहां एलईडी के जरिए स्मार्ट क्लासेस होती हैं। असर ये है कि इलाके के लोग अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल से निकाल इस स्कूल में भेज रहे हैं। इस तरह बदल गई तस्वीर उत्तर प्रदेश के मेरठ के प्राइमरी विद्यालय, राजपुर का हाल दूसरी जगहों की तरह ही था, लेकिन अब तस्वीर बदल गई है। इसकी वजह बनी हैं यहां की प्रधानाचार्य श्रीमती पुष्पा यादव। वह बताती हैं कि 2013 में जब विद्यालय में शिक्षिका बनकर आईं तब हाल बुरा था। स्कूल के अंदर जानवर बंधे रहते थे,उपलों के ढेर लगे थे। स्कूल में चार दीवारी तक नहीं थी। दूर से देखने पर झाड़ी से ढका जर्जर भवन दिखाई देता था। उन्होंने इस स्कूल को बदलने का ठान लिया। विभाग से अनुरोध कर सबसे पहले चारदीवारी बनवाई। इसके बाद की कोशिशें खुद ही कीं । बताती हैं कि उन्होंने जेब से रुपए खर्च कर बड़ा गेट लगवाया। स्कूल की दीवारों पर पेंटिंग अपनी भाभी के साथ मिलकर खुद की। साफ़-सफाई कराई। स्थानीय जनप्रतिनिधियों व सामाजिक संगठनों से संपर्क किया। किसी ने फर्नीचर उपलब्ध कराया तो किसी ने स्मार्ट क्लास के लिए एलईडी सहित दूसरा सामान। लाइब्रेरी में बच्चों को पढ़ने के लिए अलग टाइम दिया जाता है। लाइब्रेरी की किताबें उन्होंने खुद जुटाई हैं। खेल के लिए सामान, बच्चों को रोजगार परक शिक्षा/प्रशिक्षण, लड़कियों को सिलाई-कढ़ाई, आत्मरक्षा के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है।बताती हैं कि गांव में कई दिव्यांग बच्चे थे जो स्कूल नहीं जा पाते थे। उन्होंने व्हील चेयर की व्यवस्था कराई। दिव्यांग बच्चों को फिजियोथेरेपी के जरिए ठीक करने का प्रयास किया जा रहा है। स्कूल में 155 एडमिशन हैं। उपस्थिति शत-प्रतिशत रहती है।श्रीमती पुष्पा यादव अब मिसाल बनी चुकी हैं। उन्हें 2017 में यूपी की बीजेपी सरकार द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। जिला प्रशासन द्वारा सम्मान बेस्ट टीचर अवार्ड, समाज कल्याण ट्रस्ट द्वारा बेसिक शिक्षा रत्न अवार्ड सहित कई अवार्ड दिए जा चुके हैं।