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- Written by S.K. Azad , Edited by Bharat Bhushan
- Category: RSS Media Cell , Jharkhand Wing
नागरिक पत्रकारिता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
12 जनवरी 2020, विश्व संवाद केंद्र , झारखंड एवं इंटरनेशनल रिसर्च एंड डेव्लपमेंट एसोशिएशन के संयुक्त तत्वाधन में आयोजित नागरिक पत्रकारिता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन भारत क्लासेस कोकर में सम्पन्न हुई। कार्यक्रम का उद्घाटन स्वामी विवेकानंद जी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन से हुआ।
कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर डॉ. भास्कर कर्ण जी ने नागरिक पत्रकारिता की भूमिका एवं उद्देश्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता ने समाज को सजग करने का कार्य हमेशा से किया है। लोकतंत्र की खूबी भी यही है कि उसके चारों स्तंभ अपने दायित्व का निर्वहन करते हैं। विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका जब अपने दायित्वों से मुकरने लगते हैं, तब खबरपालिका की ओर जनता का मुखातिब होना स्वाभाविक है। आजादी के पूर्व पत्रकारों का योगदान अविस्मरणीय रहा है। आजादी के बाद की पत्रकारिता में विचलन देखने को मिलता है। मिशन को लेकर शुरुआत करने वाली पत्रकारिता कब पीत पत्रकारिता में तब्दील हो गई, इसका अंदाजा ही नहीं लगा। जब मुख्य धारा की पत्रकारिता ने अपने दायित्वों से मुंह मोड़ लिया, तब हमारे सामने नागरिक पत्रकारिता का ही एकमात्र सहारा बचा।
कहा जाता है कि हर पत्रकार नागरिक होता है, लेकिन हर नागरिक पत्रकार नहीं होता, यह सच भी है। अकबर इलाहाबादी ने उचित ही कहा कि –
खींचो न कमान न तलवार निकालो। जब तोप मुकाबिल हो तो अखबार निकालो।
अखबार की इसी महत्ता को आज नागरिक पत्रकारिता ने स्वयं सिद्ध किया है। केवल पत्रकारों के भरोसे नहीं रहा जा सकता। उनकी निष्पक्षता, ईमानदारी और विश्वसनीयता पर अब सवाल उठने लगे हैं। ऐसे में नागरिक पत्रकारिता पर लोगों का भरोसा जगने लगा है। सच्चाई को जनता के सामने लाना इसका बुनियादी उद्देश्य है। हमारे आसपास क्या घटित हो रहा है, उसका यथार्थ वर्णन करना उसका प्राथमिक सरोकार है। न्यू मीडिया की देन है कि हर नागरिक आज कलम का धनी हो गया है। वह अपनी बात कह सकता है, लिख सकता है, उसे सही अर्थों में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्राप्त है। नागरिक पत्रकारिता ने वास्तव में लोकतंत्र को खूबसूरत बनाया है। लोक की आवाज को बुलंद करने का कार्य यह नागरिक पत्रकारिता कर रही है। तकनीक ने उसे सबल बनाया है, उसके हाथ में कई माध्यम हैं, जिनके द्वारा जीवन जगत की सच्चाई को सामने लाया जा रहा है। यह माध्यम कहीं ज्यादा ईमानदार, निष्पक्ष और विश्वसनीय हैं।
मौके पर मौजूद श्री शशि भूषण पांडे जी ने कहा कि कॉरपोरेट जगत ने मुख्यधारा की पत्रकारिता को अपने शिकंजे में ले लिया है। इस संक्रमणकाल में समाज और राष्ट्र को सशक्त बनाने के लिए नागरिक पत्रकारिता को बड़ी भूमिका अदा करनी है। हमारा एजेंडा बाजार मीडिया के माध्यम से तय न करे, अपितु हम स्वयं अपनी बात को पूरी ईमानदारी से जनता के सामने लाएं तो हम सच्चे अर्थों में नागरिक के दायित्वों का निर्वहन कर सकेंगे।
आईआरडीए के सचिव इन्फॉर्मेशन साइंटिस्ट भारत भूषण जी ने सोशल मीडिया और हमारा लक्ष्य विषय पर उद्घाटन सत्र में अपना उद्बोधन दिया। सोशल मीडिया आज बहुत ही शक्तिशाली टूल बन गया है, जिसके द्वारा हम जनचेतना राष्ट्रीय हित में कर सकते हैं। समाज में फैली कुरितियों, देश विरोध में काम करने वाली सस्थाओं तथा मीडिया द्वारा प्रस्तुत गलत तथ्यों को हम सोशल मीडिया द्वारा त्वरित गति से समाज में पंहुचा सकते हैं।
संजय कुमार ने पत्र लेखन और समाचार लेखन की बारिकियां बताते हुए सभी को समाचार पत्रों के लिए लिखने का आह्वान किया। सामाजिक सरोकार से सम्बन्ध रखने वाली हर वो खबर जिसके बारे में हमें लगता है कि इस विषय पर समाचार पत्रों को अवगत कराना चाहिए, फोटो सहित समाचार पत्रों को भेज सकते है। आपके उस समाचार को पेपर में स्थान मिले या न मिले अपना प्रयास निरन्तर जारी रखना चाहिए.
सुनील कुमार ने फोटो जर्नलिज्म विषय पर जानकारी दी। एक अच्छी फ़ोटो खींचने के लिए कम्पोजिशन, क्रिएटिविटी, कलर्स, सब्जेक्ट इत्यादि का विशेष ध्यान रखना पड़ता है। एक सामान्य व्यक्ति भी मोबाइल कैमरे से उत्तम चित्र खींच सकता है।
अरविंद प्रसाद ने बताया कि हमें धार्मिक भावनाएं, जातिवाद, रंगभेद आदि विषयों पर कभी टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। सौम्य भाषा का प्रयोग करना चाहिए और बिना सूचना का स्रोत जाने उसे अपनी तरफ से अग्रेषित नहीं करना चाहिए। कानूनी प्रावधानों के बारे में भी जानकारी दी।