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 पत्रकार वार्ता : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, झारखंड

 पत्रकार वार्ता : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, झारखंडरांची, 23 मार्च : श्रीराम जन्मभूमि पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय का सर्वसम्मत निर्णय, तत्पश्चात् श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए सार्वजनिक न्यास ‘‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र’’ का गठन, अयोध्या में भव्य मंदिर के निर्माण कार्य को प्रारंभ करने हेतु किया गया अनुष्ठान एवं निधि समर्पण अभियान भारत के इतिहास का वह स्वर्णिम पृष्ठ बन गया है, जो आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरणा देगा।भारत के माननीय प्रधानमंत्री, संघ के पूजनीय सरसंघचालक, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र के न्यासी एवं भारत के सभी मत-पंथों के पूज्य धर्माचार्यों की गरिमामयी प्रत्यक्ष उपस्थिति तो मर्यादित थी परंतु आभासी माध्यमों से समस्त हिन्दू समाज इस कार्यक्रम में भागीदारी कर समाज के सभी वर्गों और राजनैतिक दलों ने एकमत होकर इस कार्यक्रम का स्वागत किया। मकर संक्रांति के पवित्र दिन भारत के प्रथम नागरिक महामहिम राष्ट्रपति के निधि समर्पण और दिल्ली स्थित भगवान वाल्मीकि मंदिर से प्रारंभ हुआ।

44 दिन का यह अभियान विश्व इतिहास का सबसे बड़ा संपर्क अभियान सिद्ध हुआ है। लगभग 5.5 लाख से अधिक नगर-ग्रामों के 12 करोड़ से अधिक रामभक्त परिवारों ने भव्य मंदिर निर्माण के लिए अपना समर्पण किया है। समाज के सभी वर्गों और मत-पंथों ने इस अभियान में बढ़चढ़कर सहभागिता की है। ग्रामवासी-नगरवासी से लेकर वनवासी और गिरिवासी बंधुओं तक, सम्पन्न से सामान्य जनों तक सभी ने इस अभियान को सफल बनाने में अपना भरपूर योगदान दिया। झारखंड में इस निमित्त कुल 28389 गाँवों के 6848397 परिवारों में से 23467 गांव के 3408784 परिवारों से प्रत्यक्ष सम्पर्क किया गया। इस भावनात्मक कार्य में कुल 25868 पुरुष और 3218 मातृ शक्ति का यानी कुल 29086 कार्यकर्ताओं की प्रत्यक्ष भागीदारी रही। कुल राशि 217042514 रुपये की रही। इस अभियान ने एक बार पुनः यह सिद्ध किया है कि संपूर्ण देश भावात्मक रूप से सदैव श्रीराम से जुड़ा हुआ है। उपरोक्त जानकारी प्रेस को सम्बोधित करते हुए संघ के सह प्रांत कार्यवाह श्री राकेश लाल ने कहा।

वैश्विक महामारी कोविड-19 की चुनौती के संदर्भ में भारतीय समाज के उल्लेखनीय, समन्वित एवं समग्र प्रयासों को संज्ञान में लेते हुए तथा इसके भीषण परिणामों के नियंत्रण हेतु समाज के प्रत्येक वर्ग द्वारा निभाई गई भूमिका पूरे देश ने एकजुट होकर निर्धारित नियमों का पालन किया और प्रारम्भिक काल में अनुमानित विभीषिका से हम बच सके। कोरोना जाँच तथा रुग्ण सेवा के कार्य में संलग्न सभी चिकित्सकों, नर्सों, अन्य स्वास्थ्य एवं स्वच्छता कर्मियों ने चुनौती को स्वीकार किया एवं अपने जीवन को खतरे में डालकर भी वे कार्य में जुटे रहे। समाज के अनेक वर्गों जैसे सुरक्षा बल, शासकीय कर्मी, आवश्यक सेवाओं तथा वित्तीय संस्थाओं से जुड़े कर्मियों सहित, संगठित तथा असंगठित क्षेत्र से संबंधित अनेक समूहों की सक्रियता के कारण ऐसे चुनौतीपूर्ण समय में दैनंदिन जीवन का प्रवाह सामान्यतः अबाधित रूप से चलता रहा। ये सभी कार्य और विभिन्न शासकीय विभागों के द्वारा किए गए समन्वित प्रयास यथा ‘‘श्रमिक ट्रेन’’, ‘‘वंदेभारत मिशन’’ और वर्तमान में चल रहा ‘‘कोविड टीकाकरण अभियान’’ सराहनीय है। इस कालखंड में कृषि उत्पादन सामान्य से अधिक हुआ और उद्योग जगत सहित साधारण आर्थिक परिदृश्य भी उत्साहवर्धक दिखाई दे रहा है। वेंटिलेटर, पीपीई किट, कोरोना जाँच की तकनीक तथा जल्दी व सस्ती स्वदेशी कोरोना वैक्सीन के विकास एवं निर्माण के औद्योगिक नवाचारों के द्वारा हम इस आपदा को भी अवसर में परिवर्तित करने में सफल हुए। इस कठिन समय में समाज की आंतरिक शक्ति और प्रतिभा को प्रकट होने का अवसर प्राप्त हुआ। इस वैश्विक संकट में भारत ने अपनी ‘‘वसुधैव कुटुम्बकम्’’ की परंपरा के अनुरूप प्रारंभिक काल में हाईड्रोक्सिक्लोरोक्विन तथा अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति तद्नंतर ‘‘वैक्सीन-मैत्री’’ अभियान द्वारा विश्व के अनेकानेक देशों की ओर सहयोग का हाथ बढ़ाया।

भारत द्वारा किए गए समयोचित अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की विश्व के अनेक नेताओं व देशों द्वारा प्रशंसा की गई। कोरोना काल में स्वयंसेवकों ने देशभर में सेवा भारती के माध्यम से 92,656 स्थानों पर सेवा कार्य किए, इसमें 5,60,000 कार्यकर्ता सक्रिय रहे, 73 लाख राशन किट वितरित किए, 4.5 करोड़ लोगों को भोजन पैकेट वितरित किए गए, 90 लाख मास्क का वितरण किया, 20 लाख प्रवासी लोगों की सहायता की गई। 2.5 लाख घुमंतू लोगों की सहायता की, 60 हजार यूनिट रक्तदान भी किया। केवल संघ ही नहीं, समाज के अनेक संगठनों, मठ, मंदिर, गुरुद्वारों ने भी समाज की सेवा की। इस महामारी के बचाव हेतु झारखंड में भी संघ के स्वयंसेवकों ने अद्वितीय कार्य किया, कुल 5730सेवा स्थानों पर 77476 सेवारत कार्यकर्ताओं द्वारा 85465 राशन कीट,494817 तैयार भोजन पैकेट,167580 मास्क,78305 सेनेटाइजर व सावून,10243 दूध पैकेट,783 रक्तदान,44233 पैकेट आयुर्वेदिक काढ़ा,जनजागरण हेतु 6348 स्थानों पर दीवाल लेखन, 22640 करपत्रक वितरण, 27749 शारिरिक दूरी चिन्ह सहित प्रवासी जनों के लिए 186 भोजन वितरण केंद्र,22 स्वास्थ्य केंद्र एवं 114 रेलवे और बस स्थानको पर सहायता किया गया। इस दौरान 2563 घुमन्तु बन्धुओं का भी सहयोग किया गया।

अगले तीन वर्षों में भारत में संघ कार्य को हर मंडल तक पहुंचाने की योजना है 58 हजार मंडलों तक संघ कार्य पहुंचाने को लेकर योजना बनी है कोरोना संकट के कारण दीवाली तक शाखा नहीं लग सकी थी, उसके पश्चात आवश्यक गाइडलाइन का पालन करते हुए धीरे-धीरे शाखाएं प्रारंभ हुईं। झारखंड में 482 स्थानों के 96% और 724 शाखाओं में से 87% शाखा प्रारम्भ हो चुकी है। 258 खण्डों में 72%खण्ड और1264 मंडलों में से 26%कार्ययुक्त तथा 17%सम्पर्कयुक्त है।शेष तीन वर्षों में कार्ययुक्त करने की योजना है।

वर्तमान में परिवार प्रबोधन, गौ सेवा, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक समरसता की गतिविधियां संचालित की जा रही हैं इन्हें आगे बढ़ाया जाएगा संघ का उद्देश्य भेदभाव रहित हिंदू समाज का निर्माण करना है। आने वाले समय में ग्राम विकास और रसायन मुक्त कृषि क्षेत्र में विशेष दृष्टि रखते हुए कार्य का आरंभ करेगा 13-27 अप्रैल तक संघ भूमि सुपोषण अभियान शुरू करने वाला है कृषि क्षेत्र के तज्ञ लोगों ने प्रयोग करके सिद्ध किया है कि अनेक प्रयोगों से किसानों की स्थिति बेहतर बनाई जा सकती है इस क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्थाओं, संगठनों ने मिलकर कार्य करने का निर्णय लिया है इसे सामाजिक अभियान के रूप में चलाने का निर्णय लिया है भूमि-सुपोषण से अर्थ है कि मृदा में आवश्यक तत्वों की कमी को दूर करने के लिए काम किया जाए।

कोरोना काल और श्रीराम मंदिर जनसंपर्क अभियान में ध्यान में आया कि संघ को जानने की समाज में उत्सुकता बढ़ी है। इसलिए स्थान-स्थान पर संघ परिचय वर्ग की योजना बनेगी। ऐसी हमारी योजना है। संघ से जुड़ने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ी है। समाज परिवर्तन के कार्य में संघ के साथ मिलकर काम करने को उत्सुक लोग मिले हैं, उन सबको साथ लेकर समाज परिवर्तन की दिशा में कैसे अधिक से अधिक हम काम कर सकते हैं, इसके साथ ही अगले तीन वर्षों में संघ कार्य का विस्तार, कार्यकर्ताओं का विकास आदि पर भी चर्चा होगी। पत्रकार वार्ता में सह प्रांत संघचालक मा अशोक कु श्रीवास्तव, प्रान्त प्रचारक श्री दिलीप कुमार, प्रान्त प्रचार प्रमुख श्री धनंजय कु सिंह, प्रान्त ग्राम विकास प्रमुख श्री महेंद्र प्रसाद उपस्थित थे।



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