प्रणय दत्त मूलरूप से बहरागोड़ा के रहने वाले थे। 1983-84 में ये संघ के प्रचारक निकले थे। सिमडेगा जिले में काम करने की जिम्मेदारी दी गई थी। बाद में प्रचारक से वापस होने के बाद इन्हें वनवासी कल्याण केंद्र के कार्य की जिम्मेदारी दी गई। झारखंड में वनवासी कल्याण केंद्र के कार्यों को.आगे बढाने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। प्रणय दत्त के निधन पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि कल्याण आश्रम के वरिष्ठ पूर्णकालिक कार्यकर्ता,क्षेत्रीय नगर प्रमुख और मेरे बहुत घनिष्ठ प्रणय दत्त के निधन से मैं मर्माहत हूं।उनके साथ मेरा बहुत आत्मीय संबंध रहा।वनवासी कल्याण आश्रम के माध्यम से उन्होंने देश भर के और खासकर झारखंड में जनजातियों के लिए शिक्षा और सामाजिक उन्नति के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किया।भगवान उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें और उनके परिजनों को यह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।